


अश्विन मास कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर गुरुवार सुबह श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भक्त देर रात से ही कतार में लगकर अपने आराध्य भगवान महाकाल के दर्शन का इंतजार कर रहे थे। सुबह 4 बजे मंदिर के पट खोले गए और पूरे परिसर में “जय श्री महाकाल” के जयघोष गूंज उठे।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि भस्म आरती से पहले भगवान का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत और फलों के रस से किया गया। पूजन के बाद भगवान महाकाल का श्रृंगार कर नवीन मुकुट और मोगरे की माला अर्पित की गई। इसके पश्चात महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई। इस दौरान बाबा महाकाल को त्रिपुंड और ड्रायफ्रूट की माला से अलंकृत किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया और आशीर्वाद प्राप्त किया। मान्यता है कि भस्म अर्पित होने के बाद भगवान निराकार से साकार स्वरूप में दर्शन देते हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला उमा सांझी महोत्सव 2025 का शुभारंभ आज घट स्थापना के साथ हुआ। संध्या आरती के बाद सभा मंडप में वसंत पूजा और नारदीय कीर्तन का आयोजन किया गया।